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३०२ ॥ श्री लाल परी जी ॥


पद:-

मैं तो सरकार को खोजत फिरियां।१।

करतार यार दिलदार सोहावन कब तक मो को मिलियां।२।

दिन नहि चैन रैन नहि निंदिया लाली भई दोउ अंखियाँ।३।

लाल परी कहैं किरपा करि हरि मोहिं लगा ले छतियाँ।४।