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२२२ ॥ श्री सिकन्दर शाह जी ॥


शेर:-

फकीरों का कौतुक अजब हमने देखा।

करैंगे तो कुछ औ कहैंगे अलेखा।१।

सिकन्दर कहैं बस कदम उनके चूमै।

निडर हो के दुनिया में हर जा में घूमै।२।