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२२० ॥ श्री षड़ानन जी के बाहन ॥


चौपाई:-

श्री षटमुख स्वामी के पायक। नाम मयूर भजौं रघुनायक।१।

राम नाम को सुमिरौं भाई। हर दम एक तार मन लाई।२।

बोलौं तब हूँ राम कौ नामा। और बात से नेक न कामा।३।