साईट में खोजें

११५ ॥ श्री मर्द शहीद जी ॥


शेर:-

यादगारी जिसने की अल्ला क प्यारा वह भया।

दीन दुनियां में रहा तन छोड़ि दोज़ख सो गया।१।

रहम जीवों पर नहीं औ बहम में तो चूर हैं।

भिश्त में नहिं जांय वह अल्ला को नहिं मंजूर हैं।२।