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२५ ॥ श्री हरखू जी ॥

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जगदीश कहौ द्वारिकाधीश कहौ सबके ईश कहौ हर्षाई जी।

राघो वाय भी कहौ कृष्णा वाय भी कहौ विष्णु वाय भी कहौ हर्षाई जी।

करतार कहौ सरकार कहौ सुखसार कहौ हर्षाई जी।

जगदाधार कहौ साकार कहौ निराकार कहौ हर्षाई जी।५०।

निराधार कहौ सर्वाधार कहौ सब से न्यार कहौ हर्षाई जी।

सर्गुण कहौ चाहै निर्गुण कहौ चहै सब गुण कहौ हर्षाई जी।

ज्ञानी कहौ चाहै ध्यानी कहौ चाहै बानी कहौ हर्षाई जी।

अहं ब्रह्म कहौ ऊँ ब्रह्म कहौ सोऽमं ब्रह्म कहौ हर्षाई जी।

अहं अस्मि कहौ ब्रह्म अस्मि कहौ सोऽमं अस्मि कहौ हर्षाई जी।५५।

शिवोऽमं भी कहौ रां बीज कहौ क्लीं बीज कहौ हर्षाई जी।

राम ब्रह्म कहौ विष्णु ब्रह्म कहौ कृष्ण ब्रह्म कहौ हर्षाई जी।

भरिपूर कहौ सब से दूर कहौ सब का नूर कहौ हर्षाई जी।

अनहद नाद कहौ घननाद कहौ सब की नाद कहौ हर्षाई जी।

वसुदेव प्यारा कहौ देवकी प्यारा कहौ सब का प्यारा कहौ हर्षाई जी।६०।

नन्द प्यारा कहौ यशुमति प्यारा कहौ यशुदा प्यारा कहौ हर्षाई जी।

कौशिल्या प्यारा कहौ कैकेयी प्यारा कहौ सुमित्रा प्यारा कहौ हर्षाई जी।

दशरथ प्यारा कहौ औ दुलारा कहौ सब के ढारां कहौ हर्षाई जी।

मधुसूदन कहौ मद मूँदन कहौ भव पोखन कहौ हर्षाई जी।

प्राण नाथ कहौ दीना नाथ कहौ भोलानाथ कहौ हर्षाई जी।६५।

सर्वस्व कहौ सब तत्व कहौ नि:तत्व कहौ हर्षाई जी।

एक रंगी कहौ सव रंगी कहौ नहिं रंगी कहौ हर्षाई जी।

भीतर है कहौ बाहेर है कहौ सब में है कहौ हर्षाई जी।

रेफ बिन्दु कहौ अर्ध्द चन्द्र कहौ नाद विन्दु कहौ हर्षाई जी।

राम नाम कहौ विष्णु नाम कहौ कृष्ण नाम कहौ हर्षाई जी।७०।

बनवारी कहौ गिरिवर धारी कहौ औ भिखारी कहौ हर्षाई जी।

मुरली धारी कहौ वंशीधारी कहौ सुखकारी कहौ हर्षाई जी।

शंखधारी कहौ चक्रधारी कहौ गदाधारी कहौ हर्षाई जी।

धनुष धारी कहौ गेंद धारी कहौ पुष्पधारी कहौ हर्षाई जी।

बाराह कहौ नरसिंह कहौ चाहै बावन कहौ हर्षाई जी।७५।

कच्छप कहौ चाहै मच्छ कहौ सब से स्वच्छ कहौ हर्षाई जी।

भृगुनाथ कहौ मुनि नाथ कहौ ऋषि नाथ कहौ हर्षाई जी।

गिरिवर नाथ कहौ बंशीनाथ कहौ मुरलीनाथ कहौ हर्षाई जी।

बलधाम कहौ सुखधाम कहौ शोभाधाम कहौ हर्षाई जी।

मन हरन कहौ दुःख हरन कहौ सुख करन कहौ हर्षाई जी।८०।

सृष्टि कर्त्ता कहौ पालन कर्त्ता कहौ लय कर्त्ता कहौ हर्षाई जी।

बलवीर कहौ रणधीर कहौ सब से बीर कहौ हर्षाई जी।

यदुवंशी कहौ रघुवंशी कहौ चन्द्र वंशी कहौ हर्षाई जी।

भानु वंशी कहौ अग्नि वंशी कहौ ग्वाल वंशी कहौ हर्षाई जी।

श्रीं बीज कहौ ह्रीं बीज कहौ लीं बीज कहौ हर्षाई जी।८५।

नारायण कहौ नरनारायण कहौ महानारायण कहौ हर्षाई जी।

श्री गौराङ्ग कहौ जै गौराङ्ग कहौ गौराङ्ग कहौ हर्षाई जी।

कृष्ण चैतन्य कहौ सब में सन्य कहौ परसन्य कहौ हर्षाई जी।

हरे राम कहौ हरेश्याम कहौ हरे कृष्ण कहौ हर्षाई जी।

जै कृष्ण कहौ हे कृष्ण कहौ कृष्ण कृष्ण कहौ हर्षाई जी।९०।

राम रघुपति कहौ कृष्ण यदुपति कहौ रुक्मिणी पति तो कहौ हर्षाई जी।

शेषसाई कहौ गरुड़ के साई कहौ सव के साईं कहौ हर्षाई जी।

ऊँ राम कहौ ऊँ श्याम कहौ ऊँ ऊँ कहौ हर्षाई जी।

ऊँ सोऽहं कहौ ऊँ सोऽहं कहौ सोऽहं सोऽहं कहौ हर्षाई जी।

जानकी बल्लभ कहौ सियाबल्लभ कहौ सीता बल्लभ कहौ हर्षाइ जी।

जारी........