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१२४ ॥ श्री प्रह्लाद जी ॥


दोहा:-

राम नाम गुरु पास है देंय जिसे बतलाय ।

सत्य वचन यह मानिये ता को काल डेराय ॥१॥

श्री नारद गुरू कृपा करि गर्भ में दीन्हों ज्ञान ।

तब से मैं निर्भय भयों राम नाम परधान ॥२॥