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१ ॥ श्री १०८ परमहंस बेनी माधव दास जी ॥

 

 ॥ श्री गणेशाय नमः ॥

॥ जै जै श्री गुरुदेव भगवान की ॥

श्री राम-कृष्ण लीला भक्तामृत चरितावली

भाग - २

 

श्री गुरु महाराज जी

(श्री गोकुल भवन, वशिष्ठ कुण्ड, अयोध्या जी)

 

श्लोक:-

रकार: शब्द: परमं ध्वनि:

ध्वनेरन्तरगतो ज्योति: ज्योतिषोरन्तर गतो ध्वनि:

तपसा तन्मय ध्यानेन तद्विष्णो: परमं पदम्।१।