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८८ ॥ श्री यमुना जी ॥


दोहा:-

नाम राम का सत्य है, जा को कहत रकार ।

सात दीप नौ खण्ड में, चौदह भुवन मँझार ॥१॥

तीनो लोक में है वही, राम कृष्ण औतार ।

वाकी लीला अकथ है, सात स्वर्ग के पार ॥२॥