॥ सुर मुनि शक्ती की प्रार्थना ॥(१)
सुर मुनि शक्ती मोंहि बचायो।
पांच खबीश रहत तन भीतर मन उन फोरि मिलायो।
सारा धन ग्रह लूट लीन्ह मम आज लगे जो कमायो।
आप तो सब सिय राम के सेवक ताते बिनय सुनायो।
बीच में जीव चहुँ दिश यह सब बज्र जँजीर बंधायो।
अन्धे कहैं सबै मिलि हेर के इनको मारि भगायो।६।