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॥ श्री हनुमान जी की प्रार्थना ॥(३)

जै श्री राम दूत बलवान।१।

बज्र अंग बजरंग कहावत मान हनत हनुमान।२।

शुभग श्रंगार अंग अंग भूषन कोटिन भानु समान।३।

अन्धे शाह करैं निशि बासर मंगल मूरति ध्यान।४।