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॥ श्री रामायण व गीता जी की प्रार्थना ॥

जारी........

 

सुर मुनि नित मिलने को आवैं गणपति सिर फेरैं शुंडी।

अंधे कहैं भजो नहिं हरि को पकड़ि जकड़ि लेगी गुंडी।

फेरि उपाय नहीं कछु चलिहै तीखे काँटन की झुँडी।८।

 

दोहा:-

अंधे कह हरि भजन बिन मिलत नहीं निज धाम।१।

जैसे औषधि चखे बिन छूटत नहिं सरसाम।२।

एक सर्त औ एक ब्रत एकै अर्थ ते काम।३।

अंधे कह साधक वही सुनै नाम संग राम।४।

 

पद:-

पैसा की गर्मी छावै, सो सारे काम नसावै।१।

चलि यमपुर में चिल्लावै, जहँ पल भर कल नहिं पावै।२।

जो धर्म में धन को लावै, सो हरि पुर बैठक पावै।३।

अन्धा यह बिनय सुनावै, जो मानै सो हर्षावै।४।

 

पद:-

झगड़ा से है होत अकाज, गरमावै तन और मिजाज़।१।

बुद्धी भृष्ट होय सुख भाज चोरन की भइ पूरी राज।२।

 

जिस भक्त के अभिमान है, वो जान लो शैतान है।१।

दिन चार का मेहमान है, जम दस्त से कुरबान है।२।

अंधे कहैं जेहि ज्ञान है, वाके न नेकौ शान है।३।

सुनता वो नाम की तान है, मिट्टी समझता मान है।४।

 

पद:-

भक्तों राम नाम गुन गावो।

सतगुरु से सब भेद जानि कै तन मन प्रेम लगावो।

नाम रूप परकाश हर जगह देखो सुनो बतावो।

तब पूरे ज्ञानी बनि जैहौ किसी का दिल न दुखावो।

अंत त्यागि तन चढ़ि सिंहासन निज पुर बैठक पावो।

अंधे शाह कहैं धनि वाको, दोनों दिशि जस छावो।६।

 

दोहा:-

नाम रूप की बासना अंधे कहैं बिलाय।

नाम की धुनि एक तार हो रूप सामने छाय।१।

 

शेर:-

परकाश नाम औ रूप भक्तौं हर जगह में है भरा।

अंधे कहैं जानै सोई सतगुरु के जो चरनन परा।

 

दोहा:-

हरि के ढिग सो जाइहै, जाके पास में खर्च।

अंधे कह सतगुरु बचन जियतै होवै फर्च।१।

अपनी वस्तु बचावते औरन की लै लेत।

ऐसे जीवन पर वहाँ चलै हर समय बेंत।२।

चालाकी का फल यही पावैं नाना कष्ट।

अंधे कह वे तो हुए दोनों दिशि ते भ्रष्ट।३।

 

पद:-

लीजै राम नाम की नोट।१।

सतगुरु करि तन मन को अर्पो, रहौ सदा हरि ओट।२।

तब सब माल बचैगा भक्तों करै न कोई चोट।३।

अंधे कहैं दीन बनि बैठो सब के चरनन लोट।४।

 

दोहा:-

नाम कि धुनि खुलि जाय जब तब जानो आरम्भ।

अंधे कह सतगुरु कृपा भयो सत्य का खम्भ।१।

कुकरम को त्यागै नहीं, बने धर्म के थम्ह।

अंधे कह अन्धे बहुत उन्हैं कहै हैं ब्रह्म।२।

सच्चा सतगुरु है वही देय शब्द का भेद।

अंधे कह जो लेय गहि भागै द्वैत क भेद।३।

शेर:-

पेन्सन जियति में जाय मिलि ऐसा भजन करो।

अंधे कहैं सतगुरु बचन मन नाम पर धरो।१।

 

जारी........