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८२२ ॥ श्री गफूरा जी ॥


पद:-

यादगारी हर समय सरकार की करते रहो।

मुरशिद करो पावो पता सूरति शब्द मारग गहौ।

देखो छटा सिय राम की रसना से क्या फिर तुम कहौ।

ध्यान लय परकाश धुनि सुनि सुःख अनुपम नित लहौ।

दीनता औ प्रेम तब हो कटु बचन सब के सहौ।

कहती गफूरा मम बचन मानो अगर मुक्ती चहौ।६।