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७९४ ॥ श्री कृष्णा बाई जी ॥


पद:-

भारत कि अब तरक्की होने में देर नाहीं।

अब धर्म के किवाड़े खुलने में फेर नाहीं।

हरि जन जगह जगह पर करना अब टेर नाहीं।

सब जन स्वतन्त्र होंगे बनना अब चेर नाहीं।

फ़ौरेव करि कमाना अब वह अहेर नाहीं।

नर नारी द्रोह त्यागैं करना गरेर नाहीं।

भोजन बसन से मतलब सो खुब करेर नाहीं।

हरि नाम उर में धारो तब पाप नेर नाहीं।८।