साईट में खोजें

३९८ ॥ श्री पण्डित मोती लाल नेहरू ॥

शेर:-

माता पिता का लाल मोती लाल कहते हैं वही।

तन मन व धन अर्पन करै पर स्वार्थ में जानो वही।१।

अन्त में हरि पुर बसै दुनियां में यश छावै सही।

नर तन मिला इस हेतु सुर मुनि बेद जेहि निज मुख कही।२।