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३७१ ॥ श्री भरथ दास जी ॥

(अवध वासी)

 

चौपाई:-

बारह बर्ष ठाढ़ ह्वै जानो। सुमिरेन राम नाम को मानो।१।

अन्त में हरिपुर पहुँचेन जाई। भरत दास कहैं सत्य सुनाई।२।